Song Lyrics from the movie Izzat starring Dharmendra, Tanuja, Jayalalitha, Mehmood, Balraj Sahni, Tiwari, Mukri, David, Devika, Lalita Pawar, Johny Whiskey. The film was released in the year 1968. Music was composed by Laxmikant Kudalkar, Pyarelal and lyrics were penned by Sahir Ludhianvi.
Movie Details
Movie: Izzat
Singer/Singers: Asha Bhosle, Lata Mangeshkar, Manna Dey, Mohammed Rafi
Music Director: Laxmikant Kudalkar, Pyarelal
Lyricist: Sahir Ludhianvi
Actors/Actresses: Dharmendra, Tanuja, Jayalalitha, Mehmood, Balraj Sahni, Tiwari, Mukri, David, Devika, Lalita Pawar, Johny Whiskey
Year/Decade: 1968
Music Label: Saregama India Limited
Song Lyrics in English Text
Ye Dil Tum Bin Kahi Lagta Nahi, Ham Kya Kare
Ye Dil Tum Bin Kahi Lagta Nahi, Ham Kya Kare
Tassawur Me Koi Basta Nahi, Ham Kya Kare
Tum Hi Kah Do Ab Aaye Jane Wafa Ham Kya Kare
Lute Dil Me Diya Jalta Nahi, Ham Kya Kare
Tum Hi Kah Do Ab Aye Jane Ada Ham Kya Kare
Ye Dil Tum Bin Kahi Lagta Nahi, Ham Kya Kare
Kisi Ke Dil Me Bas Ke Dil Ko Tadpana Nahi Achha
Kisi Ke Dil Me Bas Ke Dil Ko Tadpana Nahi Achha
Nigaho Ko Jalak De De Kar Chhup Jana Nahi Achha
Ummido Ke Khile Gulshan Ko Jhulsana Nahi Achha
Hame Tum Bin Koi Jachata Nahi, Ham Kya Kare
Tum Hi Kah Do Ab Aaye Jane Wafa Ham Kya Kare
Lute Dil Me Diya Jalta Nahi, Ham Kya Kare
Mohabbat Kar To Le Lekin, Mohabbat Ras Aaye Bhi
Mohabbat Kar To Le Lekin, Mohabbat Ras Aaye Bhi
Dilo Ko Bojh Lagte Hai Kabhi Julfo Ke Saye Bhi
Hajaro Gam Hai Is Dunia Me Apne Bhi Paraye Bhi
Mohabbat Hi Ka Gam Tanha Nahi, Ham Kya Kare
Tum Hi Kah Do Ab Aaye Jane Ada Ham Kya Kare
Ye Dil Tum Bin Kahi Lagta Nahi, Ham Kya Kare
Bujha Do Aag Dil Ki Ya Ise Khulkar Hawa De Do
Bujha Do Aag Dil Ki Ya Ise Khulkar Hawa De Do
Jo Iss Ka Mol De Paye, Use Apni Wafa De Do
Tumhare Dil Me Kya Hai Bas Hame Itna Pata De Do
Ke Ab Tanaha Safar Katta Nahi, Ham Kya Kare
Lute Dil Me Diya Jalta Nahi, Ham Kya Kare
Ye Dil Tum Bin Kahi Lagta Nahi, Ham Kya Kare
Song Lyrics in Hindi Text
लता: ये दिल तुम बिन, कहीं लगता नहीं, हम क्या करें
ये दिल तुम बिन, कहीं लगता नहीं, हम क्या करें
तसव्वुर में कोई बसता नहीं, हम क्या करें
तुम्ही कह दो, अब ऐ जानेवफ़ा, हम क्या करें
रफ़ी: लुटे दिल में दिया जलता नहीं, हम क्या करें
तुम्ही कह दो, अब ऐ जाने-अदा, हम क्या करें
लता: ये दिल तुम बिन, कहीं लगता नहीं, हम क्या करें
किसी के दिल में बस के दिल को, तड़पाना नहीं अच्छा – २
निगाहों को छलकते देख के छुप जाना नहीं अच्छा,
उम्मीदों के खिले गुलशन को, झुलसाना नहीं अच्छा
हमें तुम बिन, कोई जंचता नहीं, हम क्या करें,
तुम्ही कह दो, अब ऐ जानेवफ़ा, हम क्या करें
रफ़ी: लुटे दिल में दिया जलता नहीं, हम क्या करें
मुहब्बत कर तो लें लेकिन, मुहब्बत रास आये भी – २
दिलों को बोझ लगते हैं, कभी ज़ुल्फ़ों के साये भी
हज़ारों ग़म हैं इस दुनिया में, अपने भी पराये भी
मुहब्बत ही का ग़म तन्हा नहीं, हम क्या करें
तुम्ही कह दो, अब ऐ जाने-अदा, हम क्या करें
लता: ये दिल तुम बिन, कहीं लगता नहीं, हम क्या करें
बुझा दो आग दिल की, या इसे खुल कर हवा दे दो – २
रफ़ी: जो इसका मोल दे पाये, उसे अपनी वफ़ा दे दो
लता: तुम्हारे दिल में क्या है बस, हमें इतना पता दे दो,
के अब तन्हा सफ़र कटता नहीं, हम क्या करें
रफ़ी: लुटे दिल में दिया जलता नहीं, हम क्या करें
लता: ये दिल तुम बिन, कहीं लगता नहीं, हम क्या करें