Parinda Lyrics is a hindi song from the movie Saina. This song is sung by Amaal Mallik. This movie was released in the year 2021. Music of this movie was composed by Amaal Mallik and lyrics were written by Manoj Muntashir. This song is publised under the label of T-Series. The Song Parinda Lyrics is released in the year 2021.
Movie Details
Singer/Singers: Amaal Mallik
Music Director: Amaal Mallik
Lyricist: Manoj Muntashir
Year/Decade: 2021
Music Label: T-Series
Song Lyrics in English Text
Jalna bhujna, bhujke jalna
Marna jeena, marke jeena
Mangne wali cheez nahi yeh
Mauka uska jisne chheena
Girna uthna, uthke chalna
Chad ja ambar jeena jeena
Yaad rahe yeh shart safar ki
Pichhe mud ke dekh kabhi na
Jeet ka junoon hai toh
Haar sochna kyun
Jab zindagi hai ek hi
Do baar sochna kyun
Main parinda kyun banun
Mujhe aasmaan ban’na hai
Main ik panna kyun rahun
Mujhe dastaan ban’na hai
Main parinda kyun banun
Mujhe aasmaan ban’na hai
Koyi toh wajah hai
Jo zid pe adi hai yeh dhadkane
Yahin toh wajah hai
Kiya jo kisi ne nahi hum kare
Talwaar haath hai mein tere
De maar sochna kyun
Jab zindagi hai ek hi
Do baar sochna kyun
Main parinda kyun banun
Mujhe aasmaan ban’na hai
Main ik panna kyun rahun
Mujhe dastaan ban’na hai
Song Lyrics in Hindi Text
जलना बुझना बुझके जलना
मरना जीना मरके जीना
मांगने वाली चीज़ नही ये
मौका उसका जिसने छीना
गिरना उठना उठके चलना
चढ़ जा अम्बर ज़ीना ज़ीना
याद रहे ये शर्त सफ़र कि
पीछे मुड़के देख कभी ना
जीत का जुनूँ है तो
हार सोचना क्यूँ
जब ज़िंदगी है एक ही
दो बार सोचना क्यूँ
मैं परिंदा क्यूँ बनूँ
मुझे आसमाँ बनना है
मैं एक पन्ना क्यूँ रहूँ
मुझे दास्ताँ बनना है
मैं परिंदा क्यूँ बनूँ
मुझे आसमाँ बनना है
कोई तो वजह है
जो ज़िद्द पे अड़ी है
ये धड़कने
यही तो मज़ा है
किया जो किसी ने नही हम करें
कोई तो वजह है
जो ज़िद्द पे अड़ी है
ये धड़कने
हाँ यही तो मज़ा है
किया जो किसी ने नही हम करें
ललकार की घड़ी है ये
बेकार सोंचना क्यूँ
जब ज़िंदगी है एक ही
दो बार सोचना क्यूँ
मैं परिंदा क्यूँ बनूँ
मुझे आसमाँ बनना है
मैं एक पन्ना क्यूँ रहूँ
मुझे दास्ताँ बनना है
मैं परिंदा क्यूँ बनूँ
मुझे आसमाँ बनना है
सूरज आँख दिखा ले आज
कल तेरी आँख झुकनी है
तेरे अन्दर है जीतनी आग
यहाँ उससे भी दुगुनी है
सूरज आँख दिखा ले आज
कल तेरी आँख झुकनी है
तेरे अन्दर है जीतनी आग
यहाँ उससे भी दुगुनी है
तलवार हाथ में है तेरे
दे मार सोचना क्यूँ
जब ज़िंदगी है एक ही
दो बार सोचना क्यूँ
मैं परिंदा क्यूँ बनूँ
मुझे आसमाँ बनना है
मैं एक पन्ना क्यूँ रहूँ
मुझे दास्ताँ बनना है
मैं परिंदा क्यूँ बनूँ
मुझे आसमाँ बनना है