कताल गीत
ख़ुशी दिल दा स्वैग बिल्लो!
खुदा उत्ते माननीय चर्चा
साल टप्प गी तू सोहनिये 18
सा द जेहे वली हो गए
फ़िक पाई गी विच जुंडी देयां याराणि
फोटो तेरी वेख के
फोटो तेरी वेख के
कहने रूप तेरे दा न कोई सैनी
कताल करौ अल्लादे
तेरी नागा जेही तोर मस्तानी
कटल करौ अल्लहदे
तेरी नागा जेही तोर मस्तानी
कताल करौ अल्हदे
पट्ट तेरे गोर रंग दे
मुंडे थेकेयन ते पेग खडकौंडे
लाके उचि हेक बलिए
तेरा ना ले लेके गीत गौंडे
गल मेरी नोट कर ले
गल मेरी नोट कर ले
नी तू छडेगी करा के कोई हनी
कताल करौ अल्लादे
तेरी नागा जेही तोर मस्तानी
कटल करौ अल्लहदे
तेरी नागा जेही तोर मस्तानी
कताल करौ अल्हदे
पौना नु सरूर चढ जे
जद्द कोठे उत्ते बाल मैं सुखावन
हुसैन खजाना हनियां
वे समझ न किथे मैं लुकावं
हाड़ा हदा रेहंडी दर्दी
हाड़ा हदा रेहंडी दर्दी
कोई चंद्र ना कर जे शैतानी
हिसे आउ भगवान वाले दे
रंग गोरा मेरी चढदी जवानी
हिसे आउ भगवान वाले दे
रंग गोरा मेरी चढदी जवानी
वे उसके आ भगन वाले दे
नी इक तेरी यारी बदले
बैठे दा उते लाए सब जानाja
आग चले लखनौर नि
तेरे पिंड खड़की आन कृपाण
धारा लगी गिल ते कुदे
धारा लगी गिल ते कुदे
जींद चौबर दी हो गई विरानी
कताल करौ अल्लादे
तेरी नागा जेही तोर मस्तानी
कटल करौ अल्लहदे
तेरी नागा जेही तोर मस्तानी
कताल करौ अल्हदे
शुभ सुभ बोल वैरिया
वे मेरा नारम कालजा दोले
एक नाल लावं यारियां
वे पारा करके कबूतर गोले
वे तक तक रूह न रज्ज दी
मेरी सुनदी दी रूह न रज्ज दी
होई मानवगीत दी दीवानी
हिसे आउ भगवान वाले दे
रंग गोरा मेरी चढदी जवानी
हिसे आउ भगवान वाले दे
रंग गोरा मेरी चढदी जवानी
कताल करौ अल्लादे
तेरी नागा जेही तोर मस्तानी
कटल करौ अल्लहदे
द्वारा लिखित:
तथा
“कताल” गाने की जानकारी
गायक | मानवगीत गिल, गुरलेज़ अख्तर |
गीतकार | कांजी पोर्हो, मानवजीत गिल |
संगीत | मिस्ता बाज़ी |
निदेशक | मणि शेरगिल |
कास्ट | मानवजीत गिल, राशालिका सभरवाली |
भाषा: हिन्दी | पंजाबी |
नृत्यकला | अनूप राय |
छायाचित्र निर्देशक | मिंटू प्लाहा |
म्यूज़िक लेबल | व्हाइट हिल संगीत |
.